जिला रेवाड़ी

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Haryana CET

जिला रेवाड़ी

  • 28 Jun, 2025
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जिला रेवाड़ी :- हरियाणा का ऐतिहासिक और औद्योगिक गहना

हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित रेवाड़ी जिला ऐतिहासिक, सामाजिक और सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह जिला न केवल अपने वीर सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि औद्योगिक विकास, शैक्षिक उन्नति और संस्कृति के मामले में भी अग्रणी स्थान रखता है। इसे “वीरों की भूमि” के नाम से भी जाना जाता है।

रेवाड़ी

भौगोलिक स्थिति और सीमाएं

    • अक्षांश और देशांतर: 28.2°N, 76.6°E

    • क्षेत्रफल: लगभग 1594 वर्ग किलोमीटर

    • सीमाएँ:

      • उत्तर में झज्जर

      • दक्षिण और पश्चिम में महेन्द्रगढ़

      • पूर्व में गुड़गांव

      • दक्षिण-पूर्व में राजस्थान (अलवर जिला)

    रेवाड़ी का भूगोल मैदानी, अर्ध-शुष्क और कृषि योग्य है, जहां मानसून आधारित खेती प्रमुख है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

रेवाड़ी का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। यहाँ की भूमि ने अनेक वीर योद्धाओं, स्वतंत्रता सेनानियों और देशभक्तों को जन्म दिया है।

प्रमुख ऐतिहासिक तथ्य:

  • 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में रेवाड़ी के राजा राव तुलाराम का प्रमुख योगदान रहा।

  • रेवाड़ी ऐतिहासिक रूप से शौर्य, सेवा और पराक्रम की भूमि रही है।

  • ब्रिटिश शासन के दौरान यहां से बड़ी संख्या में सैनिक भारतीय सेना में भर्ती हुए।

प्रशासनिक संरचना

रेवाड़ी जिला 1 नवम्बर 1989 को महेन्द्रगढ़ से अलग होकर एक स्वतंत्र जिला बना।

उपमंडल (Sub-Divisions):

  • रेवाड़ी

  • कोसली

  • बावल

विकास खंड (Blocks):

  • रेवाड़ी

  • कोसली

  • बावल

  • जाटूसाना

  • नाहर

जिला मुख्यालय: रेवाड़ी शहर
विधानसभा क्षेत्र: रेवाड़ी, बावल, कोसली
लोकसभा क्षेत्र: गुरुग्राम

जनसंख्या और सामाजिक संरचना

    • कुल जनसंख्या (2011): लगभग 9.6 लाख

    • लिंग अनुपात: 898 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष

    • साक्षरता दर: लगभग 80%

    • भाषाएँ: हिंदी, हरियाणवी

    • प्रमुख जातियाँ: यादव, जाट, ब्राह्मण, दलित, गुर्जर

    यहाँ की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस में सेवाएं दे रहा है।

कृषि और ग्रामीण जीवन

  • रेवाड़ी जिले की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और उद्योग पर आधारित है। यहाँ की जलवायु शुष्क है और खेती मानसून पर निर्भर करती है।

    मुख्य फसलें:

    • गेहूं

    • बाजरा

    • सरसों

    • चना

    • ज्वार

    सिंचाई के साधन:

    • सीमित नहर प्रणाली

    • ट्यूबवेल

    • बरसाती जल

उद्योग और व्यापार

रेवाड़ी जिला औद्योगीकरण के मामले में हरियाणा के अग्रणी जिलों में से एक है, विशेषकर बावल औद्योगिक क्षेत्र (IMT Bawal) के कारण।

प्रमुख उद्योग:

  • ऑटोमोबाइल उद्योग

  • टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स

  • फार्मास्युटिकल्स

  • इंजीनियरिंग गुड्स

  • रीसाइक्लिंग व पैकेजिंग यूनिट्स

बावल IMT:

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर की इंडस्ट्रियल टाउनशिप

  • जापानी, कोरियन व यूरोपीय कंपनियाँ स्थित

शिक्षा और संस्थान

रेवाड़ी जिला शिक्षा के क्षेत्र में भी मजबूत पकड़ रखता है।

प्रमुख संस्थान:

  • Indira Gandhi University (Meerpur)

  • Model School, DRS International, DAV, Modern Public School

  • ITIs और पॉलिटेक्निक संस्थान

  • Jat College, Rao Tula Ram College

स्वास्थ्य सेवाएं

  • सिविल अस्पताल, रेवाड़ी

  • बावल व कोसली में CHC

  • PHC, उप-स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में

  • निजी अस्पताल जैसे: Vardhman, Cygnus, City Hospital

धार्मिक और पर्यटन स्थल

रेवाड़ी में अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल स्थित हैं।

प्रमुख स्थल:

  • राव तुलाराम स्मारक व संग्रहालय

  • शिव मूर्ति मंदिर, बावल

  • बाबा मोहन राम मंदिर, कंवाली

  • भीष्म कुंड, दुधोला

  • बाजार और हाट – पुरानी संस्कृति के प्रमाण

परिवहन व्यवस्था

रेवाड़ी दिल्ली और जयपुर के बीच एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है।

रेल मार्ग:

  • दिल्ली-जयपुर रेलमार्ग पर स्थित

  • रेवाड़ी रेलवे स्टेशन – हेरिटेज स्टिम इंजन शेड के लिए प्रसिद्ध

  • मेट्रोपॉलिटन कनेक्टिविटी

सड़क मार्ग:

  • NH-48 (दिल्ली-जयपुर हाइवे)

  • हरियाणा रोडवेज व निजी बस सेवा

  • टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा

निकटतम हवाई अड्डा:

  • IGI एयरपोर्ट, दिल्ली – लगभग 70 किमी

जिले की प्रमुख विशेषताएं

  • वीरों की भूमि – सैनिकों की सर्वाधिक संख्या देने वाला जिला

  • औद्योगिक विकास का केंद्र – IMT बावल

  • शिक्षा और संस्कृति का संगम

  • स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका

  • दिल्ली-NCR से निकटता

🔚 निष्कर्ष

रेवाड़ी जिला हरियाणा की शौर्य, सेवा, संस्कृति और विकास की जीवंत मिसाल है। यहाँ का इतिहास प्रेरणादायक है, वर्तमान औद्योगिक और शैक्षिक दृष्टि से उन्नत है, और भविष्य अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। रेवाड़ी सही मायनों में हरियाणा की “शक्ति और सेवा की पहचान” है।

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