पानीपत का नाम सुनते ही भारत के इतिहास की तीन सबसे निर्णायक लड़ाइयाँ (1526, 1556 और 1761) स्मरण हो जाती हैं। ये युद्ध न केवल साम्राज्यों की सीमाएं बदलने वाले थे, बल्कि भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवेश को भी नई दिशा देने वाले सिद्ध हुए।
तीन ऐतिहासिक युद्ध:
प्रथम युद्ध (1526) – बाबर और इब्राहीम लोदी के बीच
द्वितीय युद्ध (1556) – अकबर और हेमू के बीच
तृतीय युद्ध (1761) – अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच
पानीपत संग्रहालय, कला परिसर, काबुली बाग मस्जिद आदि आज भी इस इतिहास की गवाही देते हैं।