जिला कुरुक्षेत्र

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Haryana CET

जिला कुरुक्षेत्र

  • 28 Jun, 2025
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जिला कुरुक्षेत्र :- हरियाणा का ऐतिहासिक और औद्योगिक गहना

कुरुक्षेत्र जिला, हरियाणा राज्य की वह पवित्र भूमि है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यह स्थान “धर्मभूमि”, “गीता भूमि” और “कर्मभूमि” के रूप में संपूर्ण भारतवर्ष में पूजनीय है। धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक दृष्टि से यह जिला अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाभारत युद्ध की ऐतिहासिक घटनाओं से लेकर आधुनिक विज्ञान और शिक्षा के विकास तक, कुरुक्षेत्र एक अनूठी पहचान रखता है।

कुरुक्षेत्र

भौगोलिक स्थिति और सीमाएं

  • कुरुक्षेत्र हरियाणा के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। यह जिला सघन सड़क और रेल नेटवर्क से दिल्ली, चंडीगढ़ व अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

    • अक्षांश और देशांतर: 29.96°N, 76.82°E

    • क्षेत्रफल: लगभग 1530 वर्ग किलोमीटर

    • सीमाएँ: उत्तर में अंबाला, दक्षिण में करनाल, पश्चिम में कैथल, पूर्व में यमुनानगर

    • भौगोलिक स्वरूप: उपजाऊ मैदान, जलस्रोतों की भरमार

    • जलवायु: अर्द्ध-शुष्क, मानसून आधारित वर्षा

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

कुरुक्षेत्र का उल्लेख वेदों, महाभारत, पुराणों और श्रीमद्भगवद्गीता में किया गया है। यह स्थान कुरु वंश की राजधानी रहा है और यहां महाभारत युद्ध हुआ था। श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश यहीं हुआ, जिससे यह स्थान आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वोच्च हो गया।

मुख्य ऐतिहासिक बिंदु:

  • कुरु वंश की राजधानी – ‘कुरुक्षेत्र’ नाम की उत्पत्ति

  • श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश

  • महाभारत युद्ध का रणक्षेत्र

  • वैदिक सभ्यता, गुरुकुल परंपरा और पवित्र सरोवरों का केंद्र

प्रशासनिक संरचना

कुरुक्षेत्र जिला प्रशासनिक दृष्टि से सुदृढ़ और व्यवस्थित है।

उपमंडल:

  • कुरुक्षेत्र

  • पिपली

  • शाहबाद

  • लाडवा

  • थानेसर

विकास खंड:

  • थानेसर

  • पिपली

  • लाडवा

  • बाबैन

  • शाहबाद

जिला मुख्यालय: थानेसर (कुरुक्षेत्र)
लोकसभा क्षेत्र: कुरुक्षेत्र
विधानसभा क्षेत्र: थानेसर, शाहबाद, लाडवा, पिहोवा, बाबैन

जनसंख्या और सामाजिक संरचना

  • 2011 की जनगणना के अनुसार:

    • कुल जनसंख्या: लगभग 9.65 लाख

    • लिंग अनुपात: 889 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष

    • साक्षरता दर: 76.7%

    • ग्रामीण जनसंख्या: लगभग 72%

    • प्रमुख जातियाँ: ब्राह्मण, जाट, दलित, बनिया, सैनी

    • भाषाएं: हरियाणवी, हिंदी, पंजाबी

कृषि और ग्रामीण जीवन

  • कुरुक्षेत्र जिले की भूमि अत्यंत उपजाऊ है और यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है।

    मुख्य फसलें:

    • धान

    • गेहूं

    • गन्ना

    • सब्जियाँ

    • सरसों

    सिंचाई स्रोत:

    • नहरें (वेस्टर्न यमुना कैनाल)

    • ट्यूबवेल

    • तालाब व कुएँ

    अन्य आर्थिक गतिविधियाँ:

    • धान और गेहूं की मंडियाँ

    • धार्मिक पर्यटन

    • हस्तशिल्प और पूजा सामग्री उद्योग

    • डेयरी व्यवसाय

उद्योग और व्यापार

कुरुक्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ कई छोटे व मंझोले उद्योग भी विकसित हो रहे हैं।

  • आटा, चावल और तेल मिलें

  • हस्तशिल्प, मूर्ति निर्माण

  • होटल व पर्यटन उद्योग

  • प्रकाशन एवं पूजा सामग्री व्यापार

  • थानेसर क्षेत्र में सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयाँ

शिक्षा और संस्थान

कुरुक्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी जिला है। यहां राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाएं स्थित हैं।

प्रमुख संस्थान:

  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KUK) – अंतरराष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय

  • एनआईटी कुरुक्षेत्र – भारत का प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थान

  • गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमन, थानेसर

  • कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ

  • डीएवी स्कूल, आर्य स्कूल, एमडीएन स्कूल

स्वास्थ्य सेवाएं

  • जिले में सरकारी व निजी अस्पतालों की अच्छी व्यवस्था है।

    • सिविल अस्पताल, कुरुक्षेत्र

    • एनआईटी हॉस्पिटल, पिपली

    • श्री राम हॉस्पिटल, अपोलो, एसडीएम हॉस्पिटल

    • ग्रामीण क्षेत्रों में PHC और CHC इकाइयाँ

धार्मिक और पर्यटन स्थल

कुरुक्षेत्र का सबसे बड़ा आकर्षण इसके धार्मिक तीर्थ और ऐतिहासिक स्थल हैं।

प्रमुख स्थल:

  • ब्रह्मसरोवर – पवित्र सरोवर, कुंभ मेलों का आयोजन

  • सन्निहित सरोवर – पितरों का तर्पण स्थल

  • गीता ज्ञान स्थल (ज्योतिसर) – जहाँ श्रीकृष्ण ने गीता उपदेश दिया

  • भीष्म कुंड, नैनोरा तीर्थ

  • श्री कृष्ण मंदिर, भद्रकाली मंदिर, सिद्धपीठ

  • धार्मिक संग्रहालय (पिपली)

  • कुरुक्षेत्र विज्ञान संग्रहालय

परिवहन व्यवस्था

कुरुक्षेत्र संचार और परिवहन के दृष्टिकोण से अत्यंत सुगम जिला है।

रेल मार्ग:

  • कुरुक्षेत्र जंक्शन – दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, अम्बाला से जुड़ा

  • प्रमुख ट्रेनों का ठहराव

सड़क मार्ग:

  • नेशनल हाईवे 44 (जीटी रोड)

  • दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग

  • हरियाणा रोडवेज की नियमित बस सेवाएं

निकटतम हवाई अड्डा:

  • चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा – 85 किमी

  • इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली – 165 किमी

जिले की प्रमुख विशेषताएं

  • महाभारत और गीता का पवित्र स्थल

  • ब्रह्मसरोवर – धार्मिक आस्था का केंद्र

  • एनआईटी और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं

  • धार्मिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन और विज्ञान संग्रहालय

  • पूरे भारत से श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं

🔚 निष्कर्ष

कुरुक्षेत्र जिला, हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे भारत का एक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक रत्न है। यह वह भूमि है जहाँ धर्म और अधर्म के बीच युद्ध हुआ, जहाँ श्रीकृष्ण ने मानवता को गीता का उपदेश दिया, और आज भी यह जिला अपनी शिक्षा, सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिकता और आधुनिक विकास के लिए प्रसिद्ध है। हरियाणा की आत्मा को यदि किसी एक स्थान पर देखा जाए, तो वह है – कुरुक्षेत्र

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