गणित विषय में ZERO से HERO कैसे बनें

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गणित विषय में ZERO से HERO कैसे बनें

  • 19 May, 2025
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गणित विषय में ZERO से HERO कैसे बनें

                   

आपको सबसे पहले अपनी नींव मजबूत करनी होगी और बुनियादी अवधारणाओं को समझना होगा ताकि आप नियमित रूप से अभ्यास कर सकें। गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए प्रश्नों को हल करने में संकोच न करें, लेकिन अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करें और अपने शिक्षकों और साथियों से मदद लें। धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ, आप निश्चित रूप से गणित में महारत हासिल कर सकते हैं।

गणित विषय में ZERO से HERO कैसे बनें

Table of Contents

आपको ZERO से HERO बनने के लिए तेजी से गणना करना सीखना चाहिए।

1 से 30 तक की पहाड़े याद करें।

Tables from 1 to 10
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
2 4 6 8 10 12 14 16 18 20
3 6 9 12 15 18 21 24 27 30
4 8 12 16 20 24 28 32 36 40
5 10 15 20 25 30 35 40 45 50
6 12 18 24 30 36 42 48 54 60
7 14 21 28 35 42 49 56 63 70
8 16 24 32 40 48 56 64 72 80
9 18 27 36 45 54 63 72 81 90
10 20 30 40 50 60 70 80 90 100
Tables from 11 to 20
11 12 13 14 15 16 17 18 19 20
22 24 26 28 30 32 34 36 38 40
33 36 39 42 45 48 51 54 57 60
44 48 52 56 60 64 68 72 76 80
55 60 65 70 75 80 85 90 95 100
66 72 78 84 90 96 102 108 114 120
77 84 91 98 105 112 119 126 133 140
88 96 104 112 120 128 136 144 152 160
99 108 117 126 135 144 153 162 171 180
110 120 130 140 150 160 170 180 190 200
Tables from 21 to 30
21 22 23 24 25 26 27 28 29 30
42 44 46 48 50 52 54 56 58 60
63 66 69 72 75 78 81 84 87 90
84 88 92 96 100 104 108 112 116 120
105 110 115 120 125 130 135 140 145 150
126 132 138 144 150 156 162 168 174 180
147 154 161 168 175 182 189 196 203 210
168 176 184 192 200 208 216 224 232 240
189 198 207 216 225 234 243 252 261 270
210 220 230 240 250 260 270 280 290 300

1 से 20 तक वर्गमूल और संख्या याद करें l

Square
 1² =1 11² =121
2² =4 12²=144
3² =9 13² =169
4² =16 14² =196
5² =25 15² =225
6² =36 16² =256
7² =49 17²=289
8² =64 18² =324
9² =81 19² =361
10² =100 20²=400

1 से 20 तक के घन याद करें।

Cube
1³ =1 11³ =1331
2³ =8 12³ =1728
3³ =27 13³ =2197
4³ =64 14³ =2744
5³ =125 15³ =3375
6³ =216 16³ =4096
7³ =343 17³ =4913
8³ =512 18³ =5832
9³ =729 19³=6859
10³ =1000 20³ =8000

गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए दशमलव Chapter का अध्यनन करने के लिए Class 4th or 5th का चयन करे l

अध्याय के मुख्य उद्देश्य:

इस अध्याय को पढ़ने के बाद, छात्र निम्न में सक्षम होंगे:

    • दशांश, शतांश और सहस्रांश की अवधारणा को समझना और पहचानना।
    • दशमलव संख्याओं को पढ़ना और लिखना (सहस्रांश तक)।
    • दशमलव संख्याओं को विस्तारित रूप में लिखना।
    • दशमलव संख्याओं को भिन्नों के रूप में और भिन्नों को दशमलव रूप में बदलना (हर 10, 100, 1000 वाले भिन्न)।
    • दशमलव संख्याओं में अंकों के स्थान मान को पहचानना (दहाई से सहस्रांश तक)।
    • समान और असमान दशमलव की पहचान करना और असमान दशमलव को समान दशमलव में बदलना।
    • दशमलव संख्याओं की तुलना करना, जोड़ और घटाव करना, गुणा करना (पूर्ण संख्याओं और दशमलव संख्याओं से) और  भाग करना (पूर्ण संख्याओं से)।

अध्याय की विस्तृत विषयवस्तु:

  1. पुनरावृत्ति (कक्षा 4 की अवधारणाओं की याद दिलाना):

    • दशमलव क्या हैं और दशमलव बिंदु का महत्व।
    • दशांश की अवधारणा (1/10= 0.1) और दशमलव संख्याओं को दशांश तक पढ़ना और लिखना।
    • दशमलव संख्याओं को भिन्नों में और भिन्नों को दशमलव में बदलना (हर 10 वाले)।
  2. शतांश (Hundredths):

    • एक वस्तु को 100 बराबर भागों में विभाजित करने की अवधारणा को स्पष्ट करना।
    • प्रत्येक भाग को ‘एक शतांश’ कहते हैं, जिसे भिन्न के रूप में 1/100 और दशमलव के रूप में 0.01 लिखते हैं।
    • उदाहरण:
      • 25 शतांश को 25/100 या 0.25 लिखते हैं।
      • 8 शतांश को 8/100​ या 0.08 लिखते हैं।
  1. सहस्रांश (Thousandths):

    • एक वस्तु को 1000 बराबर भागों में विभाजित करने की अवधारणा को स्पष्ट करना।
    • प्रत्येक भाग को ‘एक सहस्रांश’ कहते हैं, जिसे भिन्न के रूप में ​1/1000 और दशमलव के रूप में 0.001 लिखते हैं।
    • उदाहरण:
      • 123 सहस्रांश को 123/1000​ या 0.123 लिखते हैं।
      • 5 सहस्रांश को 5/1000 ​ या 0.005 लिखते हैं।
  1. दशमलव संख्याओं को पढ़ना और लिखना (सहस्रांश तक):

    • दशमलव संख्याओं को सही ढंग से पढ़ना सिखाना (पूर्ण संख्या भाग, दशमलव बिंदु, और फिर दशमलव भाग के अंकों को एक-एक करके)।
    • उदाहरण: 45.678 को ‘पैंतालीस दशमलव छह सात आठ’ पढ़ें।
    • शब्दों में दी गई दशमलव संख्याओं को अंकों में लिखना।
  2. दशमलव संख्याओं का विस्तारित रूप:

    • दशमलव संख्याओं में प्रत्येक अंक के स्थान मान को दर्शाते हुए उन्हें विस्तारित रूप में लिखना।
    • उदाहरण: 32.564 = 3×10+2×1+5×​1/10+6×1/100​+4×1/1000
    • या, 32.564 = 30+2+0.5+0.06+0.004
  3. दशमलव और भिन्न (हर 10, 100, 1000 वाले):

    • भिन्नों को दशमलव रूप में बदलना:
      • यदि हर 10 है, तो दशमलव बिंदु के बाद एक अंक होगा।
      • यदि हर 100 है, तो दशमलव बिंदु के बाद दो अंक होंगे (आवश्यकतानुसार शून्य जोड़कर)।
      • यदि हर 1000 है, तो दशमलव बिंदु के बाद तीन अंक होंगे (आवश्यकतानुसार शून्य जोड़कर)।
      • उदाहरण: ​=7/10 = 0.7, 35/100 ​=0.35, 9/1000 ​=0.009
    • दशमलव संख्याओं को भिन्न रूप में बदलना:
      • दशमलव बिंदु के बाद जितने अंक हैं, हर में उतने ही शून्य वाली 1 लिखें।
      • उदाहरण: 0.6=6/100​, 0.48=​48/100, 0.235=​​235/1000
  1. स्थान मान (दहाई से सहस्रांश तक):

    • दशमलव संख्याओं में प्रत्येक अंक का स्थान मान स्पष्ट करना।

| दहाई | इकाई |. | दशांश (​1/10) | शतांश (1/100) | सहस्रांश (1/1000​) |

|——|———|—|———————–|————————|—————————|

| 2       | 7       |. | 9                        | 1                          | 4                       |

  1. समान और असमान दशमलव:

    • समान दशमलव वे होते हैं जिनमें दशमलव बिंदु के बाद अंकों की संख्या समान होती है (जैसे50 और 7.20)।
    • असमान दशमलव वे होते हैं जिनमें दशमलव बिंदु के बाद अंकों की संख्या भिन्न होती है (जैसे5 और 7.23)।
    • असमान दशमलव को समान दशमलव में बदलने के लिए दशमलव भाग के अंत में आवश्यक संख्या में शून्य जोड़ना (दशमलव के मान में कोई परिवर्तन नहीं होता)। उदाहरण: 3.5 को50 और 3.500 लिखा जा सकता है।
  2. दशमलव संख्याओं की तुलना:

    • नियम:
      • पहले पूर्ण संख्या भाग की तुलना करें।
      • यदि पूर्ण संख्या भाग बराबर हैं, तो दशांश के अंक की तुलना करें।
      • यदि दशांश के अंक बराबर हैं, तो शतांश के अंक की तुलना करें, और इसी तरह आगे बढ़ें।
      • असमान दशमलव को तुलना करने से पहले समान दशमलव में बदलना उपयोगी हो सकता है।
  1. दशमलव संख्याओं का जोड़ और घटाव:

    • दशमलव संख्याओं को जोड़ते या घटाते समय, दशमलव बिंदुओं को एक के नीचे एक सीध में रखना महत्वपूर्ण है।
    • यदि आवश्यक हो, तो संख्याओं को समान दशमलव में बदलने के लिए अंत में शून्य जोड़ें।
    • सामान्य तरीके से जोड़ें या घटाएं और परिणाम में दशमलव बिंदु को उसी सीध में रखें।
  2. दशमलव संख्याओं का गुणा:

    • पूर्ण संख्या से गुणा: दशमलव संख्या को पूर्ण संख्या से सामान्य तरीके से गुणा करें। गुणनफल में दशमलव स्थानों की संख्या गुण्य में दशमलव स्थानों की संख्या के बराबर होगी।
    • दशमलव संख्या से गुणा: दो दशमलव संख्याओं को गुणा करते समय, उन्हें पूर्ण संख्याओं के रूप में गुणा करें। गुणनफल में दशमलव स्थानों की संख्या गुण्य और गुणक में दशमलव स्थानों की कुल संख्या के बराबर होगी।
  3. दशमलव संख्याओं का भाग (पूर्ण संख्या से):

    • दशमलव संख्या को पूर्ण संख्या से भाग देते समय, सामान्य तरीके से भाग दें। भागफल में दशमलव बिंदु भाज्य में दशमलव बिंदु के ठीक ऊपर आएगा। यदि आवश्यकता हो, तो भाग को जारी रखने के लिए भाज्य के अंत में शून्य जोड़ा जा सकता है।

BODMAS के नियमों को अच्छे से Class- 4, 5 की किताब से अध्ययन करें |

BODMAS क्या है?

BODMAS एक नियम है जो हमें यह बताता है कि जब एक गणितीय समस्या में एक से ज़्यादा संक्रियाएँ (जैसे जोड़, घटाव, गुणा, भाग, कोष्ठक) हों, तो हमें उन्हें किस क्रम में हल करना चाहिए ताकि उत्तर सही आए। गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए BODMAS इस क्रम को याद रखने में हमारी मदद करता है।

BODMAS का फुल फॉर्म (विस्तृत रूप):

  • BBrackets (कोष्ठक) – सबसे पहले कोष्ठकों के अंदर की संक्रियाओं को हल किया जाता है।
  • OOrders (घात और करणी) – कक्षा 4 और 5 के स्तर पर आमतौर पर यह नहीं होता, लेकिन बड़ी कक्षाओं में यह घातांक (जैसे 23) और वर्गमूल (√9​) जैसी संक्रियाओं को हल करने का क्रम बताता है। अभी के लिए इसे छोड़ दें।
  • DDivision (भाग) – कोष्ठक के बाद भाग की संक्रिया को हल किया जाता है।
  • MMultiplication (गुणा) – भाग के बाद गुणा की संक्रिया को हल किया जाता है।
  • AAddition (जोड़) – गुणा के बाद जोड़ की संक्रिया को हल किया जाता है।
  • SSubtraction (घटाव) – जोड़ के बाद घटाव की संक्रिया को हल किया जाता है।

याद रखने का आसान तरीका: “पहले कोष्ठक हल करो, फिर भाग, गुणा करो, जोड़ो और अंत में घटाओ।”

कक्षा 4 और 5 के स्तर पर BODMAS का उपयोग:

कक्षा 4 और 5 में, आपको मुख्य रूप से कोष्ठक, भाग, गुणा, जोड़ और घटाव वाली समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। “Orders” (घात और करणी) इस स्तर पर आमतौर पर शामिल नहीं होते हैं।

चरणदरचरण प्रक्रिया उदाहरणों के साथ:

उदाहरण 1: हल करें: 8+(6−2)×3

  • B – Brackets (कोष्ठक): सबसे पहले कोष्ठक के अंदर की संक्रिया को हल करें।
    • (6−2)=4
    • अब समस्या बन गई: 8+4×3
  • O – Orders (घात और करणी): इस स्तर पर छोड़ दें।
  • D – Division (भाग): इस समस्या में भाग की कोई संक्रिया नहीं है, इसलिए इसे छोड़ दें।
  • M – Multiplication (गुणा): अब गुणा की संक्रिया को हल करें।
    • 4×3=12
    • अब समस्या बन गई: 8+12
  • A – Addition (जोड़): अब जोड़ की संक्रिया को हल करें।
    • 8+12=20
  • S – Subtraction (घटाव): इस समस्या में घटाव की कोई संक्रिया नहीं है, इसलिए इसे छोड़ दें।

उत्तर: 8+(6−2)×3=20

उदाहरण 2: हल करें: 12÷4+3×2−1

  • B – Brackets: इस समस्या में कोई कोष्ठक नहीं है।
  • O – Orders: इस स्तर पर छोड़ दें।
  • D – Division: सबसे पहले भाग की संक्रिया को हल करें।
    • 12÷4=3
    • अब समस्या बन गई: 3+3×2−1
  • M – Multiplication: अब गुणा की संक्रिया को हल करें।
    • 3×2=6
    • अब समस्या बन गई: 3+6−1
  • A – Addition: अब जोड़ की संक्रिया को हल करें।
    • 3+6=9
    • अब समस्या बन गई: 9−1
  • S – Subtraction: अंत में घटाव की संक्रिया को हल करें।
    • 9−1=8

उत्तर: 12÷4+3×2−1=8

उदाहरण 3: हल करें: (10−5)×(6÷2)+4

  • B – Brackets: यहाँ दो कोष्ठक हैं। हम उन्हें बारी-बारी से हल करेंगे।
    • पहला कोष्ठक: (10−5)=5
    • दूसरा कोष्ठक: (6÷2)=3
    • अब समस्या बन गई: 5×3+4
  • O – Orders: इस स्तर पर छोड़ दें।
  • D – Division: इस समस्या में कोष्ठकों को हल करने के बाद कोई भाग की संक्रिया नहीं है।
  • M – Multiplication: अब गुणा की संक्रिया को हल करें।
    • 5×3=15
    • अब समस्या बन गई: 15+4
  • A – Addition: अब जोड़ की संक्रिया को हल करें।
    • 15+4=19
  • S – Subtraction: इस समस्या में घटाव की कोई संक्रिया नहीं है।

उत्तर: (10−5)×(6÷2)+4=19

भिन्नो को सरल करना सीखें और Class- 4, 5, 6 की किताब से अभ्यास करें l

गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए निश्चित रूप से! भिन्नों को सरल करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया यहाँ दी गई है:

चरण 1: अंश (ऊपर की संख्या) और हर (नीचे की संख्या) के उभयनिष्ठ गुणनखंड ज्ञात करें।

  • उभयनिष्ठ गुणनखंड वे संख्याएँ होती हैं जिनसे अंश और हर दोनों पूरी तरह से विभाजित हो सकते हैं (शेषफल शून्य हो)।
  • इसके लिए, आप अंश और हर दोनों के सभी गुणनखंडों की सूची बना सकते हैं और फिर उनमें समान गुणनखंडों को पहचान सकते हैं।

उदाहरण: भिन्न 12/18

    • 12 के गुणनखंड: 1, 2, 3, 4, 6, 12
    • 18 के गुणनखंड: 1, 2, 3, 6, 9, 18
    • उभयनिष्ठ गुणनखंड: 1, 2, 3, 6

चरण 2: अंश और हर का सबसे बड़ा उभयनिष्ठ गुणनखंड (महत्तम समापवर्तक – HCF) ज्ञात करें।

  • उभयनिष्ठ गुणनखंडों में सबसे बड़ी संख्या ही सबसे बड़ा उभयनिष्ठ गुणनखंड (HCF) कहलाती है।

उदाहरण: भिन्न ​12/18 के उभयनिष्ठ गुणनखंड 1, 2, 3, 6 हैं। इनमें सबसे बड़ा 6 है। इसलिए, HCF = 6।

चरण 3: अंश और हर दोनों को उनके सबसे बड़े उभयनिष्ठ गुणनखंड (HCF) से भाग दें।

  • अंश को HCF से भाग दें।
  • हर को भी HCF से भाग दें।

उदाहरण: भिन्न ​12/18 और HCF = 6

    • नया अंश = 12÷6=2
    • नया हर = 18÷6=3

चरण 4: परिणामी भिन्न सरलतम रूप होगा।

  • भाग देने के बाद जो नया भिन्न मिलता है, वही उस मूल भिन्न का सरलतम रूप होता है। इस नए भिन्न के अंश और हर में 1 के अलावा कोई अन्य उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं होगा।

उदाहरण: 2/3 भिन्न 12/18 ​का सरलतम रूप है। 2 और 3 में 1 के अलावा कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है।

एक और उदाहरण: भिन्न 20/25

  1. उभयनिष्ठ गुणनखंड:
    • 20 के गुणनखंड: 1, 2, 4, 5, 10, 20
    • 25 के गुणनखंड: 1, 5, 25
    • उभयनिष्ठ गुणनखंड: 1, 5
  2. सबसे बड़ा उभयनिष्ठ गुणनखंड (HCF): 5
  3. अंश और हर को HCF से भाग दें:
    • नया अंश = 20÷5=4
    • नया हर = 25÷5=5
  4. सरलतम रूप: 4/5

वैकल्पिक तरीका (छोटे उभयनिष्ठ गुणनखंडों से भाग देना):

यदि आप तुरंत सबसे बड़ा उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं पहचान पाते हैं, तो आप छोटे उभयनिष्ठ गुणनखंडों से बार-बार भाग दे सकते हैं जब तक कि अंश और हर में 1 के अलावा कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड न बचे।

उदाहरण: भिन्न 24/36

  1. 24 और 36 दोनों 2 से विभाज्य हैं:  ​= 24÷2/36÷2 =12/18
  2. 12 और 18 दोनों फिर से 2 से विभाज्य हैं:  ​= 12÷2/18÷2 =6/9
  3. 6 और 9 दोनों 3 से विभाज्य हैं: ​6÷2/9÷3 = 2/3

अब 2 और 3 में 1 के अलावा कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है, इसलिए 32​ सरलतम रूप है।

गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए संख्याओं को पहचानना सीखे

1. सम संख्याएँ (Even Numbers):

  • परिभाषा: वे संख्याएँ जो 2 से पूरी तरह से विभाजित हो जाती हैं (यानी, भाग देने पर शेषफल 0 आता है)।
  • पहचान: इनके इकाई के स्थान पर (सबसे दाहिना अंक) 0, 2, 4, 6, या 8 होता है।
  • उदाहरण: 2, 4, 10, 26, 138, 500, आदि।
  1. विषम संख्याएँ (Odd Numbers):
  • परिभाषा: वे संख्याएँ जो 2 से पूरी तरह से विभाजित नहीं होती हैं (यानी, भाग देने पर शेषफल 1 आता है)।
  • पहचान: इनके इकाई के स्थान पर 1, 3, 5, 7, या 9 होता है।
  • उदाहरण: 1, 3, 9, 25, 147, 601, आदि।
  1. भाज्य संख्याएँ (Composite Numbers):
  • परिभाषा: वे प्राकृतिक संख्याएँ (1 से बड़ी) जिनके दो से अधिक गुणनखंड होते हैं (यानी, वे 1 और स्वयं के अलावा किसी और संख्या से भी विभाजित हो सकती हैं)।
  • पहचान: 4 से शुरू होती हैं और ऐसी संख्याएँ होती हैं जो अभाज्य नहीं हैं (1 को छोड़कर)।
  • उदाहरण: 4 (1, 2, 4), 6 (1, 2, 3, 6), 8 (1, 2, 4, 8), 9 (1, 3, 9), 10 (1, 2, 5, 10), 12, 14, 15, आदि।
  1. अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers):
  • परिभाषा: वे प्राकृतिक संख्याएँ (1 से बड़ी) जिनके केवल दो ही गुणनखंड होते हैं: 1 और वह संख्या स्वयं।
  • पहचान: इन्हें किसी अन्य संख्या से पूरी तरह से विभाजित नहीं किया जा सकता (1 और स्वयं को छोड़कर)।
  • उदाहरण: 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, आदि। (ध्यान दें कि 2 एकमात्र सम अभाज्य संख्या है)।
  1. प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Numbers):
  • परिभाषा: गिनती की सभी संख्याएँ।
  • पहचान: 1 से शुरू होकर अनंत तक जाती हैं।
  • उदाहरण: 1, 2, 3, 4, 5, …
  1. पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers):
  • परिभाषा: सभी प्राकृतिक संख्याएँ और शून्य (0)।
  • पहचान: 0 से शुरू होकर अनंत तक जाती हैं।
  • उदाहरण: 0, 1, 2, 3, 4, …
  1. पूर्णांक (Integers):
  • परिभाषा: सभी पूर्ण संख्याएँ और उनकी ऋणात्मक संख्याएँ।
  • पहचान: धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य शामिल हैं।
  • उदाहरण: …, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, …
  1. परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers):
  • परिभाषा: वे संख्याएँ जिन्हें qp​ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q=0।
  • पहचान: इसमें सभी पूर्णांक, भिन्न (fractions) और दशमलव (decimals) शामिल हैं जो या तो समाप्त हो जाते हैं (terminate) या आवर्ती (repeating) होते हैं।
  • उदाहरण: 21​, −43​, 5 (जिसे 15​ लिखा जा सकता है), 0.5, 0.333…
  1. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers):
  • परिभाषा: वे संख्याएँ जिन्हें qp​ के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q=0।
  • पहचान: इनके दशमलव प्रसार न तो समाप्त होते हैं और न ही आवर्ती होते हैं।
  • उदाहरण: 2​, π (पाई), e (यूलर संख्या), 3​, आदि।
  1. वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers):
  • परिभाषा: सभी परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का संग्रह।
  • पहचान: संख्या रेखा पर सभी बिंदु वास्तविक संख्याओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • उदाहरण: सभी ऊपर बताई गई संख्याएँ वास्तविक संख्याएँ हैं।
  1. सहअभाज्य संख्याएँ (Co-prime Numbers):
  • परिभाषा: दो या दो से अधिक संख्याएँ जिनका महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 होता है। इसका मतलब है कि उनमें 1 के अलावा कोई अन्य उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं होता।
  • पहचान: ज़रूरी नहीं कि दोनों संख्याएँ अभाज्य हों।
  • उदाहरण: (8, 9) – HCF 1 है, (15, 16) – HCF 1 है, (3, 5) – HCF 1 है।
  1. जुड़वाँ अभाज्य संख्याएँ (Twin Prime Numbers):
  • परिभाषा: अभाज्य संख्याओं का ऐसा युग्म जिनके बीच का अंतर 2 होता है।
  • पहचान: दो अभाज्य संख्याओं का जोड़ा जिनमें एक विषम संख्या का अंतर हो।
  • उदाहरण: (3, 5), (5, 7), (11, 13), (17, 19), (29, 31), आदि।

Chapter में दिए गए सभी Formula से समझें और याद करें |

Algebraic formulas

  • (a+b)= a+ b+ 2ab
  • (a-b)= a+ b– 2ab
  • (a+b) (a-b) = a– b2
  • (x + a)(x + b) = x2 + (a + b)x + ab
  • (x + a)(x – b) = x2 + (a – b)x – ab
  • (x – a)(x + b) = x2 + (b – a)x – ab
  • (x – a)(x – b) = x2 – (a + b)x + ab
  • (a + b)3 = a3 + b3 + 3ab(a + b)
  • (a – b)3 = a3 – b3 – 3ab(a – b)
  • (x + y + z)2 = x2 + y2 + z2 + 2xy + 2yz + 2xz
  • (x + y – z)2 = x2 + y2 + z2 + 2xy – 2yz – 2xz
  • (x – y + z)2 = x2 + y2 + z2 – 2xy – 2yz + 2xz
  • (x – y – z)2 = x2 + y2 + z2 – 2xy + 2yz – 2xz
  • x3 + y3 + z3 – 3xyz = (x + y + z)(x2 + y2 + z2 – xy – yz -xz)
  • x+ y2 =½ [(x + y)2 + (x – y)2]
  • (x + a) (x + b) (x + c) = x3 + (a + b +c)x2 + (ab + bc + ca)x + abc
  • x3 + y3= (x + y) (x2 – xy + y2)
  • x3 – y3 = (x – y) (x2 + xy + y2)
  • x2 + y2 + z2 -xy – yz – zx = ½ [(x-y)2 + (y-z)2 + (z-x)2]
Name Formula
Area of Triangle Area= ½ × base × height
Pythagorean Theorem a+ b= c2
Area of a Circle Area = πr2
Circumference of a Circle C = 2πr or πd
Area of a Parallelogram Area = base × height
Area of a Trapezoid Area = ½ × (base1 + base2) × height
Area of a Kite or a Rhombus Area = ½ × (diagonal× diagonal2)
Area of a Square Area = side2
Area of a Regular Polygon Area = ½ × perimeter × apothem
Number of Diagonal in n-sided Polygon Diagonals = ½ × n(n−3)
Slope m = (y2−y1)/(x2−x1) = rise/run
Midpoint Formula (xmp, ymp) = [(x1+x2)/2],[(y1+y2)/2]
Distance Formula d = √[(x2−x1)2+(y2−y1)2]
Equation of a Circle (x−h)2+(y−k)2 = r2

 

जो Chapter पढ़े, उसके सारे Concept याद हो जाने चाहिएं, जिस से प्रश्न का अभ्यास करते समय दिक्कत हो l

किसी भी अध्याय को पढ़ने के बाद उसके सभी कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह से याद करना चाहिए। इससे जब आप प्रश्नों का अभ्यास करते हैं, तो आपको उन कॉन्सेप्ट्स को समझने और लागू करने में आसानी होती है, और आपकी समस्या हल करने की गति और सटीकता भी बढ़ती है। इसलिए, गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए हर अध्याय को ध्यान से पढ़ें और उसके मुख्य विचारों को समझकर याद करने का प्रयास करें।

जो chapter complete कर लिया है उसका रिवीजन सप्ताह में दो बार जरूर करें |

जो भी अध्याय आपने पूरा कर लिया है उसको सप्ताह में दो – तीन बार पुनरीक्षण करना चाहिए ताकि ये एक बहुत ही अच्छी आदत है। नियमित रिवीजन से पढ़ी हुई चीजें आपके दिमाग में ताज़ा बनी रहती हैं और लंबे समय तक याद रहती हैं। इससे परीक्षा के समय आपको कम दबाव महसूस होगा और आप आत्मविश्वास से प्रश्नों को हल कर पाएंगे।

ज्यादा से ज्यादा Practice & Revision करते रहें |

सफलता की कुंजी अभ्यास और पुनरीक्षण हमे निरन्तरं करना चाहिए। जितना अधिक से अधिक अभ्यास करेंगे तो उतनी ही आपकी अवधारणाएँ स्पष्ट होंगी और प्रश्न हल करने की क्षमता बढ़ेगी। नियमित पुनरीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि आपने जो सीखा है वह आपके दिमाग में स्थिर रहे। इसलिए अभ्यास और पुनरीक्षण को अपनी पढ़ाई का अभिन्न अंग बनाएं।

निष्कर्ष

गणित विषय में ZERO से HERO बनने के लिए, तीव्र गणना कौशल विकसित करें, दशमलव, BODMAS और भिन्नों की नींव मजबूत करें। संख्याओं के प्रकार पहचानें, सभी सूत्र कंठस्थ करें, और पढ़े हुए अध्यायों का नियमित अभ्यास व पुनरीक्षण करते रहें। लगन और निरंतरता से सफलता अवश्य मिलेगी।

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